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अकादमी गीत एक बंगाली गीत है जिसकी रचना प्रख्यात बंगाली संगीतकर, गीतकार और गायक श्री अतुल प्रसाद सेन (1871-1934) द्वारा की गई थी। वे एक सफल अधिवक्ता, वे एक सफ़ल अधिवक्ता, परोपकारी व्यक्ति, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद और साहित्यकार थे।

इस गीत को श्री राजेश्वर प्रसाद के कार्यकाल के दौरान अकादमी द्वारा अपनाया गया था जो 11 मई 1973 से 11 अप्रैल 1977 तक अकादमी के निदेशक थे।

अकादमी ने इस गीत की कुछ पंक्तियों को हिन्दी, तमिल तथा मराठी में अनुवाद करके संसोधित किया है। इस गीत में भारतीय सिविल सेवाओं के जिन गुणों की अपेक्षा की गई है उसे परिलक्षित किया गया है और इस प्रकार यह सभी अधिकारियों के लिए निरंतर प्रेरणा स्रोत है ।

अकादमी संगीत –वाद्यगीत
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Hao Dharmete Dheer, Hao karmete Bír,
Hao Unnato Shir- Naahi Bhoy.
Bhuli Bhedabhed Gyan, Hao Sabe Aaguaan
Sathe Aachhe Bhagwan - Habe Jai.
Rakho Dharm mein Dheer, Raho Karm Mein Veer
Rakho Unnat Shir - Daro Na.
Nana Bhasha, Nana Mat, Nana Paridhan
Bibidher Majhe Dekho Milan Mahan.
Dekhiya Bharate Mahajatir Uthan,
Jag Jaan Manibe Bishshay
Jag maan Maanibe Bishshay.
Ullittail Urudiyail Seyailil Virmudan
Thallai Nimirndu Nirpai Ni.
Raho Dharm mein Dheer, Raho Karm Mein Veer
Rakho Unnat Shir - Daro Na.
Bhuli Bhedabhed Gyan, Hao Sabe Aaguaan
Sathe Aachhe Bhagwan - Habe Joy.
Waha Dharmat Dheer, Wha Karneet Vee,r
Waha Unnat Shir—Nahi Bhay
Nana Bhasha, Nana Mat, Nana Paridhan
Bibidher Majhe Dekho Milan Mahan.
Dekhiya Bharate Mahajatir Utthan,
Jag Jaan Manibe Bishshay
Jag maan Maanibe Bishshay.
Hao Dharmete Dheer, Hao Karmete Bir ,
Hao Unnato Shir— Nahi Bhoy
Hao Unnat Shir— Nahi Bhay
Hao Unnat Shir— Nahi Bhay
हओधरमेते धीर, हओ करमेते बीर,। बंगला ।
हओ उन्नेतोशिर – नाहि भॉय ।
भुलिभेदाभेद ज्ञान, हओ सबे आगुआन
साथे आछे भगबान – हबे जॉय।
रहोधर्म में धीर, रहो कर्म में वीर । हिंदी ।
रखो उन्नमत शिर – डरो ना ।
नानाभाषा, नाना मत, नाना परिधान,। बंगला।
बिबिधेरमाझे देखो मिलन महान ।
देखियाभारते महाजातिर उत्था न
जागो जान मानिबे बिश्शउय
जागोमान मानिबे बिश्शशय ।
उल्लमत्तिल उरूदियाय सेयलिल विरमुडन। तमिल ।
तलैनिमिर्न्दुत निर्पाय नी।
रहोधर्म में धीर, रहो कर्म में वीर । हिंदी ।
रखो उन्नमत शिर – डरो ना ।
भूलि भेदा भेद ज्ञान, हओ सबे आगुआन, । बंगला ।
साथेआछे भगबान – हबे जॉय।
व्हाआ धर्मात धीर, व्हा करणीत वीर। । मराठी ।
व्हाआउन्नमत शिर – नाही भय
नानाभाषा, नाना मत, नाना परिधान, । बंगला।
बिबिधेरमाझे देखो मिलन महान ।
देखियाभारते महाजातिर उत्था न
जागो जान मानिबे बिश्शउय
जागोमान मानिबे बिश्श य ।
हओ धरमेते धीर, हओ करमेते बीर
हओ उन्नततोशिर – नाहि भॉय ।
हओ उन्नततोशिर – नाहि भॉय
हओ उन्नततो शिर – नाहि भॉय ।।