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इतिहास

15 अप्रैल, 1958 को, तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने लोकसभा में घोषणा की, कि सरकार एक ऐसी राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी स्थापित करेगी, जहां सिविल सेवा में भर्ती सभी सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। गृह मंत्रालय ने आई..एस. ट्रेनिंग स्कूल, दिल्ली और आई..एस. स्टाफ कॉलेज, शिमला को मिलाकर मसूरी के शार्लेविल एस्टेट में राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी स्थापित करने का निर्णय लिया। एक सितंबर, 1959 को मेटकाफ हाउस में प्रशिक्षण आरंभ किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने मसूरी में अकादमी की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शार्लेविल आरंभ में बहुत सुविधाजनक स्थान नहीं था, लेकिन काफी कम समय में ही इन खामियों को दूर कर लिया गया। उदाहरण के लिए, शुरुआत में घुड़सवारी की कोई सुविधा नहीं थी, परंतु दो माह के अंदर ही बीस घोड़े खरीदे गए और शार्लेविल एस्टेट में घुड़सवारी की सुविधा उपलब्ध हो गई।

शार्लेविल होटल का निर्माण 1854 में चाजौली एस्टेट के मैदान में, जो चाजौली पट्टी का एक हिस्सा था, जनरल विल्किंसन द्वारा किया गया था। क्या इसका  मूल नाम शार्लेविल फ्रेंच था? बिल्कुल नहीं। स्थानीय लोगों ने हमेशा इसेशार्ले-बिलेकहाआम तौर पर मसूरी बैंक के सेवानिवृत्त प्रबंधक श्री हॉब्सन ने इसे 1861 में खरीदा था और इसका नाम अपने दो बेटों, शार्ले और बिले के नाम पर रखा था।

हैप्पी वैली मैदान का अधिग्रहण 1904 में बियर निर्माता वी.. मैकिनॉन द्वारा किया गया था। उन्होंने टेनिस कोर्ट के साथ हैप्पी वैली क्लब की शुरुआत की, जबकि जिमखाना पोलो ग्राउंड मैदान में स्थापित किया गया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रेड क्रॉस के लिए धन जुटाने के मकसद सेपागल जिमखाना’  का अंतिम रिकॉर्ड 19 जून 1943 तक है।

पूर्ववर्ती शार्लेविले परिसर की मुख्य इमारत 1984 में आग लागने के कारण नष्ट हो गई थी। हालांकि, इसकी पुरानी वास्तुकला अभी भी अकादमी के मुख्य परिसर के अंदर कुछ इमारतों में देखी जा सकती है। लेडीज ब्लॉक और जी.बी. पंत ब्लॉक 1991 के भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गए थे और इन दोनों स्थानों पर,  दो नए भवनों 'ध्रुवशिला' और 'कालिंदी गेस्ट हाउस' का निर्माण किया गया। "हैप्पी वैली क्लब" का एक हिस्सा, शार्लेविले होटल के ठीक नीचे है, जो अब अकादमी का हिस्सा है। इसमें घुड़सवारी मैदान, शूटिंग रेंज और स्पोर्ट्स क्लब है। रेसकोर्स और पोलो ग्राउंड, जिसे 1904 में एक पहाड़ी में बनाया गया था, को उत्तर प्रदेश सरकार ने अकादमी को पट्टे पर दिया था। इसका उपयोग घुड़सवारी के लिए और विभिन्न खेल के आयोजनों के लिए किया जाता है।

अक्टूबर 1972 में, अकादमी का नाम बदलकर "लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी" रखा गया और जुलाई 1973 में इसमें "राष्ट्रीय" शब्द जोड़ा गया। अकादमी को अब "लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी" के रूप में जाना जाता है। इसके बाद कई भवनों का विस्तार और नए भवनों का निर्माण किया गया तथा कई स्थानों का अधिग्रहण किया गया है।

 कालक्रम

1958

केंद्रीय गृह मंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत द्वारा राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी की स्थापना के लिए लोकसभा में घोषणा।

1959

मसूरी में निदेशक कार्यालय, भाषा ब्लॉक (बाद में नवीनीकरण के बाद इसका नाम बदलकर चार्लेविले कर दिया गया), सरदार पटेल हॉल (एसपीएच) और हैप्पी वैली गेस्ट हाउस के साथ अकादमी की स्थापना की गई।

1960

आईएएस, आईएफएस और अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए एक सामान्य एफसी शुरू की गई।

1969

अकादमी में प्रशिक्षण का सैंडविच पैटर्न शुरू किया गया जिसमें चरण-I, संबंधित राज्य संवर्गों में जिला प्रशिक्षण और उसके बाद चरण-II शामिल था।

1970

अकादमी स्थापना की तारीख से 1970 तक गृह मंत्रालय के अधीन काम करती रही, फिर 1977 से 1985 तक।

1970-1977

अकादमी कैबिनेट सचिवालय के अधीन काम करती रही।

1972

नाम बदलकर “लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी” कर दिया गया।                                                                         

1973

इसके बाद इसमें “राष्ट्रीय” शब्द जोड़ा गया और यह “लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी” बन गया।

1975-1978

गंगा, कावेरी और नर्मदा छात्रावासों का निर्माण हुआ।

1984

मई 1984 में परिसर का एक हिस्सा जिसमें अधिकारी मेस, लाइब्रेरी, वीआईपी गेस्ट हाउस, निदेशक आवास आदि थे, आग लगने की दुर्घटना में नष्ट हो गया।

1985

अकादमी ने भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत काम करना शुरू किया।

1988

एनआईसी प्रशिक्षण इकाई की स्थापना की गई।

1989

ग्रामीण अध्ययन केंद्र (जिसे शुरू में भूमि सुधार इकाई कहा जाता था) की स्थापना की गई। 1991 अक्टूबर 1991 में उत्तरकाशी भूकंप ने महिला ब्लॉक और जी.बी. पंत ब्लॉक में 'ध्रुवशिला' और 'कालिंदी गेस्ट हाउस' का निर्माण किया गया।

1991

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्मित सम्पूर्णानंद सभागार का नाम राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री के नाम पर रखा गया।

1992

कर्मशिला भवन का उद्घाटन भारत के तत्कालीन उपराष्ट्रपति श्री के.आर. नारायणन ने किया।        

1995

सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम-1860 के तहत पंजीकृत सोसायटी, नेशनल जेंडर सेंटर की स्थापना की गई।

1996

कालिंदी भवन का उद्घाटन तत्कालीन केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री श्री एस.आर. बालासुब्रमण्यम ने किया।

1996

ध्रुवशिला भवन का उद्घाटन तत्कालीन कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री श्री एस.आर. बालासुब्रमण्यम ने किया।

2004

तत्कालीन गृह मंत्री श्री शिवराज वी. पाटिल द्वारा अस्पताल ब्लॉक का उद्घाटन किया गया।

2004

आपदा प्रबंधन केंद्र का उद्घाटन किया गया।

2010

ज्ञानशिला भवन चालू हुआ।

सिल्वरवुड एग्जीक्यूटिव हॉस्टल का उद्घाटन किया गया।

2012

महानदी एग्जीक्यूटिव हॉस्टल का उद्घाटन किया गया।

2014 

सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम-1860 के तहत पंजीकृत सोसायटी नेशनल सेंटर फॉर लीडरशिप डेवलपमेंट एंड कॉम्पिटेंसी असेसमेंट (एनसीएलडीसीए) की स्थापना की गई।

2015

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा आधारशिला ब्लॉक का उद्घाटन किया गया।

2016

मूल रूप से 1995 में सहकारी और ग्रामीण विकास केंद्र के रूप में स्थापित, इसका नाम बदलकर सेंटर फॉर पब्लिक सिस्टम मैनेजमेंट (सीपीएसएम) कर दिया गया।

2017

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मोनेस्ट्री एस्टेट में नए छात्रावास की आधारशिला रखी; घुड़सवारी प्रतिष्ठान के लिए अस्तबल और आवास; तथा पोलो ग्राउंड में 400 मीटर सिंथेटिक ट्रैक।

2018

अत्याधुनिक चाणक्य हॉल का उद्घाटन किया गया।

कॉमन फाउंडेशन कोर्स (सीएफसी) को पुनः शुरू करने के आदेश जारी किए गए। सीएफसी के निदेशक द्वारा किए गए मूल्यांकन को वरिष्ठता के अंतिम निर्धारण में सभी सेवाओं के सदस्यों के समग्र मूल्यांकन का हिस्सा बनाया गया।

2019

आरंभ 1.0- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एकीकृत फाउंडेशन कोर्स, "आरंभ" के पहले संस्करण में भारतीय सिविल सेवा के अधिकारी प्रशिक्षुओं से बातचीत की

2020

मिशन कर्मयोगी- सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण की दिशा में अपनी तरह का एक नया प्रयोग शुरू हुआ

'भारत में शासन @100' थीम पर आरंभ 2.0

2021

अकादमी में अखिल भारतीय सेवाओं और ग्रुप ए केंद्रीय सेवाओं के लिए पहला कॉमन मिड करियर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। केवड़िया में आरंभ 3.0। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हैप्पी वैली स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन तथा माननीय राज्य मंत्री (पीपी) डॉ. जितेन्द्र सिंह द्वारा सरदार पटेल लीडरशिप सेंटर का उद्घाटन।

2022

मोनेस्टेरी छात्रावास परिसर और डिजीटैग एरिना का उद्घाटन। सिविल सेवकों के लिए हैप्पी वैली सिविल सेवा मैराथन की शुरुआत तथा भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा पोलो ग्राउंड को राष्ट्र को समर्पित किया गया।

2023

माननीय पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा डिजीएफएसी, राष्ट्रीय विधि एवं प्रशासन केंद्र का उद्घाटन। पूर्व छात्र केंद्र का उद्घाटन।